नई दिल्ली – शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी की एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए केन्द्र सरकार से जवाब मांग लिया। बता कि वसीम रिजवी ने चांद सितारे वाले झंडो़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी। जिसका संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपना फरमान जारी कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि केंद्र इस मामले में आपनी राय बनाकर कोर्ट को बताए।
गौरतलब है कि शिया वक्फ बोर्ड के चैयरमेन वसीम रिजवी ने चांद सितारे वाले झेड़े पर याचिका दाखिल करते हुए कहा था कि चांद सितारे वाले झंड़े का इस्लाम से कोई वास्ता नहीं है इसलिए इन झंडों पर बैन लगना चाहिए। जिसको लेकर 17 अप्रैल को दाखिल याचिका में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाने के लिए सरकार से उनका पक्ष मांगा है।
हरे झंडे को लेकर क्या कहना है वसीम रिजवी का
इस मामले में वसीम रिजवी का कहना है कि हरे रंग का झंड़ा किसी चीज का प्रतीक नहीं है, यह झंड़ा पाकिस्तान के राष्ट्रीय ध्वज से मिलता जुलता है लेकिन कुछ इस्लाम के कुछ ठेकेदारों ने इस झंडे को इस्लाम से जोड़ दिया है। जबकि इस्लाम का इस झंडे से दूर-दूर तक कोई वास्ता नही है। साथ ही उनका कहना है कि अकसर इस डंडे के कारण सांप्रदायिक तनाव फैलता है और दो समुदायों के बीच की दूरी बढ़ती रहती है इसलिए इसे बैन कर देना चाहिए। दाखिल याचिका में यह भी कहा गया है कि पैगम्बर मोहम्मद साहब अपने कारवां में सफेद या काले रंग का झंडा प्रयोग करते थ।