सीतापुर डीएम का तुगलकी फरमान शौचालय के साथ भेजो फोटो, तभी मिलेगी सैलरी

सीतापुर डीएम का तुगलकी फरमान सभी कर्मचारी शौचालय के साथ भेजो फोटो, तभी मिलेगी सैलरी
यूपी के सीतापुर जिले में जिलाधिकारी के निर्देश पर बेसिक शिक्षा अधिकारी अजय कुमार ने एक बेहद अजीब आदेश जारी करते हुए जिले के सभी शिक्षकों, कर्मचारियों और चपरासियों को आदेश दिया है कि वे अपने घर में शौचालय का प्रयोग करते हैं, इसकी पुष्टि के लिए शौचालय के सामने खड़े होकर तस्वीर भेजें। इतना ही नहीं, आदेश में यह भी कहा गया है कि अगर 27 मई तक तस्वीर जमा नहीं कराई गई तो उनकी सैलरी रोक दी सीतापुर की जिलाधिकारी शीतल वर्मा के निर्देश पर गुरुवार को जारी किए गए इस आदेश में बीएसए ने अपने अधीनस्थ सभी शिक्षकों/कर्मचारियों को यह निर्देश दिया है कि शौचालय के साथ फोटो खींचकर तीन दिन में खंड अधिकारी को देना होगा नहीं तो मई माह का वेतन रोक दिया जाएगा। वहीं इस बारे में बीएसए अजय कुमार ने कहा, ‘यह आदेश सिर्फ इसीलिए है कि जो कर्मचारी अधिकारी टॉइलट का इस्तेमाल नहीं करते हैं वे भी करें और स्वच्छता को बढावा दें। डीएम की यही कोशिश है, उनके आदेश पर अमल किया जा रहा है।’

यह आदेश शुक्रवार को सुर्खियों में आया तो विरोध भी शुरू हो गया। दरअसल में सबसे अधिक शिक्षक कर्मचारी बेसिक शिक्षा विभाग में हैं। विभाग की महिला शिक्षकों ने भी इस पर पर्दे के पीछे से आपत्ति दर्ज कराई है। वे चाहतीं हैं कि प्रमाण पत्र जरूर लिया जाए लेकिन फोटो समेत प्रमाण पत्र देने का आदेश वापस लिया जाए। महिलाओं की मांग को देखते हुए शिक्षक संघ ने आंदोलन का रुख अपना लिया है। बेसिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राज किशोर सिंह ने शुक्रवार को बीएसए से मिलकर मांग की है कि प्रमाण पत्र लिया जाए लेकिन साथ में फोटो संलग्न करने की अनिवार्यता समाप्त की जाए। लेकिन बीएसए ने डीएम का आदेश पालन करने का वास्ता देकर मांग ठुकरा दी। आपको बता दें कि सीतापुर की डीएम शीतल वर्मा ने 23 मई को जिले के 56 ऑफिसरों को निर्देश दिए थे कि उनके विभागों में कार्यरत स्टाफ की शौचालय प्रयोग करने की तस्वीरें डीपीआरओ को भेजी जाएं। डीएम ने कहा था कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत केन्द्र व राज्य सरकार ने 2 अक्टूबर 2018 तक सभी गांवों को खुले में शौच मुक्त घोषित करने का कार्यक्रम तय किया है। इसके तहत हर परिवार में शौचालय होना अनिवार्य है। इसलिए सभी कर्मचारियों को इस तरह की तस्वीर भेजने का आदेश दिया गया है। जिलाधिकारी के निर्देशों के मुताबिक ऐसा न करने वाले की सैलरी रोक दी जाएगी।

वहीं सैलरी रुक जाने के डर से कर्मचारियों ने शौचायल के साथ अपनी तस्वीर भेजनी भी शुरू कर दी है। सकरन ब्लॉक के एक स्कूल के प्रधानाचार्य भगवती प्रसाद ने भी टॉइलेट में स्टूल रखकर उस पर बैठ कर अपनी तस्वीर को प्रमाणपत्र के साथ भेजा है। इस पूरे मामले पर हमारे संवाददाता ने सीतापुर की डीएम से कई बार बात करने की कोशिश की लेकिन उनके सहयोगी ने व्यस्तता और मीटिंग्स का हवाला देते हुए
फोन काट दिया।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published.