कालपी में जंगलों में मिले गौवंश के अवशेष, मचा हड़कंप

जालौन–बुलंदशहर के बाद जालौन के जंगल में दो दर्जन से अधिक प्रतिबंधित मवेशियों के अस्थि पंजर मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। जानकारी मिलते ही कालपी एसडीएम, सीओ और कोतवाल फॉरेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंचे और मामले की जांच में जुट गये।

जांच के दौरान फॉरेंसिक टीम ने मौके से कई साक्ष्य इकट्ठा किये। वही प्रतिबन्धित मवेशियों के अस्थि पंजर मिलने की सूचना पर बजरंग दल एवं हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने माहौल को गरमाने में की कोशिश की। लेकिन पुलिस ने मामले को समझते हुई सभी को शांत कराया और मामले में अज्ञात लोगो के खिलाफ गौवध अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है। प्रतिबंधित मवेशियों के अस्थि पंजर कालपी कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत सोहरापुर के निकट जंगल में ग्रामीणों ने रविवार की सुबह देखे। जब ग्रामीण जंगलों में लकड़ी काटने के लिये गये थे। जिसे देख तत्काल ग्रामीणों ने सूचना ग्राम प्रधान को दी। इसे गंभीरता से लेकर ग्राम प्रधान अरविंद कुमार ने कालपी कोतवाली पुलिस के साथ प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना दी। सूचना मिलने पर कालपी एसडीएम सुनील कुमार शुक्ला, सीओ सुबोध गौतम, कोतवाली सुधाकर मिश्रा दलबल सहित घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने मामले की जाँच शुरू करा दी। साथ ही फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया गया। इसी बीच बजरंग दल और हिन्दू संगठन के कार्यकर्ताओं को जानकारी मिली तो वह मौके पर पहुंचे और उन्होंने मामले को गर्माने का प्रयास किया। इसके बाद कालपी के पूर्व विधायक उमाकांति के प्रतिनिधि सुरेंद्र सिंह सरसेला भी पहुंचे जहां उन्होंने मामले को शांत कराने का प्रयास किया।

इस दौरान पूर्व विधायक समर्थकों और हिन्दू संगठन और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के बीच कहा सुनी होने लगी लेकिन अफसरों ने मामले को शांत करा दिया। वही प्रशासन ने गोवंशों के शरीर के अवशेष मिलने के प्रकरण को गंभीरता से लेते हुये अवशेषों को दफनाने की प्रक्रिया शुरू कराई साथ ही फोरेंसिक टीम ने उस जगह से साक्ष्य लिये जहां अवशेष पाये गये। वही इस मामले में एसडीएम सुनील कुमार शुक्ला और सीओ सुबोध गौतम ने बताया कि पुलिस की तरफ से अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना की जाएगी। विवेचना में जो भी सत्यता उजागर होगी। उसी के आधार पर दोषी के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाएगी यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होती है तो उनका आंदोलन आगे भी जारी रहेगा।

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