कबीर जन्म से नहीं कर्म से वंदनीय हो गए, वो धूल से उठे थे लेकिन से माथे का चंदन बन गए – प्रधानमंत्री मोदी

संतकबीरनगर – संत कबीरदास की निर्वाण स्थली मगहर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा का संबोधन करते हुए कबीरदास को महान संत बताते हुए उनके जीवन से जुड़ी तमाम बातों और अपने भाषण में उनके प्रचलित दोहों को सुनाकर संतकबीरनगर की जनता को खूब आकर्षित किया। हालांकि पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरूआत उन्होंने भोजपुरी में करते हुए कहा कि इस पावन भूमि पर आकर इहां कि जनता को हम प्रणाम करत बानी। ई हमार सौभाग्य है कि आज हम यहां आइल बानी। प्रधानमंत्री की शुरूआत की इन पंक्तियों ने वहां की जनता को अपना मुरीद बना लिया।प्रधानमंत्री ने सिर्फ कबीर दास का ही बखान नहीं किया बल्कि योगी आदित्यनाथ के गुरू गोरखनाथ और गुरूनानक का भी बखान करते हुए कहा कि ये तीनों महान संत यहां आकर आध्यात्मिक चर्चा करते थे।

 

कुर्सी के लिए आपातकाल लगाने वाले और उस समय आपातकाल का विरोध करने वाले दोनों आज साथ हैं

इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि आज के दौर में लोगों को सत्ता का लालच ऐसा है कि आपातकाल लगाने वाले और उस समय आपातकाल का विरोध करने वाले दोनों आज कुर्सी के लिए एक साथ आ गए हैं। यही नहीं विपक्ष पर गंभीर आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सभी लोग समाज नहीं, सिर्फ अपने और अपने परिवार का हित देखते हैं। देश में कुछ दलों को शांति और विकास नहीं, कलह और अशांति चाहिए। उनको लगता है जितना असंतोष और अशांति का वातावरण बनाएंगे उतना राजनीतिक लाभ होगा।

प्रधानमंत्री के इस भाषण में निशाने पर यूपी की पूर्व समाजवादी सरकार रही गरीब के लोगों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए तत्कालीन प्रदेश सरकार ने सहयोग नहीं किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सच्चाई यह है कि ऐसे लोग जमीन से कट चुके हैं। उन्होंने कहा कि देश के राजनेताओं को गरीबों की चिंता नहीं रही। उन्होंने कभी गरीबों के लिए घर का निर्माण नहीं कराया। जब मोदी सरकार आई तो गरीबों के लिए छत का इंतजाम शुरू करा दिया। अभी दो दिन पहले ही देश में आपाल काल के 47 साल हुए। सत्ता की लालच ऐसा हो गया है कि आपात काल लाने वाले और उसका विरोध करने वाले कंधा से कंधा मिला लिए हैं।

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