मिशन 2019 के लिए यूपी में मोदी की 50 रैलियों का क्रम जारी, जमकर होगी चुनावी सौगातों की बरसात

मोदी मैजिक के सहारे 2014 में भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत में लेकर आने वाले नरेंद्र मोदी अपने चुनावी अभियान की शुरुआत देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश से शुरु कर चुके है, प्रधानमंत्री लगातार यूपी में शिलान्यास और रैलियां कर अपनी सरकार का लेखा-जोखा जनता के सामने रख सवाल पूछ रहे है कि जो हमने चार सालों में किया है वह चालीस सालों तक देश में राज करने वाली कांग्रेस पार्टीं ने किया है क्या …?

28 जून को कबीर स्थली से अपने चुनावी महासमर कि शुरुआत करने वाले प्रधानमंत्री आज आजमगढ़ से चुनावी महासमर की रथ को आगे बढ़ायेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय राजनीति में उत्तर प्रदेश का के महत्वको समझते हुए 2019 के चुनावीं समर में हर वो तरीके का उपयोग करना चाहते हैं…जिस तरह 2014 में यूपी की 80 सीटों में 73 सीट जीत कर इतिहास बनाने वाली भारतीय जनता पार्टीं को एक फिर उस आकड़े को दोहराने के लिए प्रधानमंत्री  रैलियों के सहारे जनता से जुड़ रहे है और उनके नब्ज टटोलने की कोशिश में है इसी कड़ी में लगातार शिलान्यास के बहाने वो रैलियों के माध्यम से अपनी पार्टी की जीत सुनिश्चित करने की कोशिश में है साथ ही विरोधियों को भी करारा जवाब भी दे रहे हैं।

पूर्वांचल के सियासी गणित को समझते हुए भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्वांचल दौरे को इस तरह से बनाया है कि प्रधानमंत्री के दो दिन के कार्यक्रम में जमीनी वास्तविकता का आकलन पार्टीं कर सके।

प्रधानमंत्री आजमगढ़ में पूर्वांचल एक्सेप्रेस वे का शिलान्यास करके जहां पूरे पूर्वांचल को साधने की कोशिश करेंगे वहीं उत्तर प्रदेश की राजनीति के पुरोधा और किसी जमाने में मौलाना करार दिए जाने वाले मुलायम सिंह यादव को उन्हीं के गढ़ में आईना दिखा विरोधियों को भी जवाब देंगे।

प्रधानमंत्री चुनावी सौगातों का पिटारा पूर्वांचल दौरे पर लेकर निकले है और इन सौगातों के माध्यम से विकास का पाठ भी अपने विरोधियों को पढ़ायेंगे. आजमगढ़ में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, तो अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी अपने सियासी पिटारे से चुनावी सौगात कि फूलझड़ी लगाने जा रहे है मोदी… 2019 के विजय अभियान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाखों किसानों को बाणसागर परियोजना की सौगात देंगे जिसके लिए छह दशक से पूर्वांचल के किसानों को इंतजार था।

मिशन 2019 के लिए भारतीय जनता पार्टी को पता है कि यूपी सध गया तो केंद्र की सियासत के बाहर उसे कोई नहीं कर सकता और इसीलिए शायद बीजेपी ने चुनावी साल को देखते हुए और प्रधानमंत्री के लोकप्रियता को भूनाने के लिए यूपी में 50 रैलियों का क्रम तैयार किया है, ये तो वक्त ही बतायेगा कि मोदी मैजिक अभी भी कायम है या नहीं… फिलहाल जनता को भी अपने सवालों के जवाब का इंतजार है।

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