मलिहाबादी आम का मजा अब हैदराबाद में भी बिखरेगा जलवा

मलिहाबादी आम भेजा गया
हैदराबाद

लखनऊ।अच्छी क्वालिटी का आम पैदा करना ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि उसको अच्छा बाजार एवं दाम मिलना उससे भी महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि मलिहाबाद के किसानों को यह समझ आ गया है कि आम ही उनकी आय का मुख्य साधन है और उनकी जीविका उसी पर निर्भर है। अब वह समय नहीं रह गया जब आम शौक के लिए या दावतों के लिये लगाया जाता था क्योंकि नित्य प्रति आम उत्पादन की बढ़ती लागत एवं किसानों की बढ़ती आवश्यकताओं के कारण अच्छी आय प्राप्त होने के बाद ही मलिहाबाद का आम व्यावसाय सफल होगा। मलिहाबादी दशहरी आम कुछ ही बाजारों में अपनी जगह बना पाया है जबकि हिन्दुस्तान में दशहरी खाने का शौक दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इस शौक को पूरा करने के लिये कई राज्य स्वयं दशहरी आम उत्पादित करने में लगे हुये हैं परंतु वे उस क्वालिटी का आम पैदा नहीं कर सकते हैं जो मलिहाबाद के किसान कर सकते हैं। मलिहाबादी किसान भी कभी-कभी दशहरी आम का उचित मूल्य प्राप्त नहीं कर पाता है जो अन्य राज्यों में दशहरी का मिल रहा है। इस दिशा में केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़, लखनऊ एवं अवध आम उत्पादक बागवानी समिति नबीपनाह, मलिहाबाद ने इस विषय पर मंथन करके हैदराबाद के बाजार में भेजने का निर्णय लिया गया। संस्थान से हजारों दशहरी के पेड़ों को ले जाकर हैदराबाद के पास के क्षेत्र में लगाया गया है और वहाँ के लोगों ने इस किस्म को पसंद भी किया है। ऐसी स्थिति में दशहरी को हैदराबाद में अपने को स्थापित करने में शायद ज्यादा संभावनाएँ हैं। इस दृष्टिकोण से किसानों ने यह प्रस्ताव रखा कि उनके द्वारा उपलब्ध कराये गये दशहरी आम में नमूने जो कि कार्बाईड और कीटनाशक रहित है हैदराबाद भेजे जाएँ ताकि उनका विभिन्न स्तर पर मूल्यांकन हो सके। संस्थान इस प्रक्रिया को एक अध्ययन के तौर पर लेते हुये किसानों के नमूनों को हैदराबाद में आम के व्यावसायी एवं राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंध अकादमी के वैज्ञानिकों के सहयोग से मूल्यांकन हेतु प्रयासरत है। ऐसा करने से मलिहाबाद के आमों के प्रति हैदराबादी लोगों का रूझान मिलने वाले मूल्य की संभावनाएँ तथा उससे होने वाले लाभ का आंकलन किया जा सकेगा। इस प्रयास के कारण संभवतः हैदराबाद के व्यावसायी स्वतः लखनऊ आकर किसानों से आम लेने की संभावनाओं पर जोर देंगे। अवध आम उत्पादक बागवानी समिति जो बहुत से आम किसानों का एक समुदाय आधारित संगठन है। अतः किसान को अधिक लाभ मिलने की संभावनाएँ बढ़ जाती है क्योंकि बिचौलियों को मिलने वाला हिस्सा शायद संभवतः कम हो सकता है। हैदराबाद के लोग बैंगनपल्ली, स्वर्णरेखा और रसालू किस्मों का उपभोग करने के बाद अब दशहरी की ओर आकर्षित हो रहे हैं। उत्तर भारतीय अच्छी संख्या में हैदराबाद में निवास करते हैं इसलिए यहाँ दशहरी का महत्व और बढ़ जाता है साथ-ही-साथ अब यह किस्म आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में नयी नहीं है क्योंकि इसकी खेती विगत 10 साल से हो रही है। अतः यह प्रयास मलिहाबाद के किसानों को हैदराबाद के बाजार से जोड़ने का है जिसकी सफलता किसानों के लिये आय बढ़ाने में सहयोगी होगी। किन्हीं कारणों से सफलता के सीमित होने पर उनका विश्लेषण करना भी इस प्रयास से सुगम हो जायेगा ताकि उत्तर प्रदेश के आमों की संभावना भारत के दूसरे राज्यों में मुख्य शहरों में दशहरी आमों को स्थापित किया जा सके।

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