आर टी ओ ऑफिस में दलालो से अछूता नही जनता को लगाने पड़ते है चक्कर पर चक्कर

आर टी ओ ऑफिस में दलालो से अछूता नही जनता को लगाने पड़ते है चक्कर पर चक्कर।

सत्ता में उच्चाधिकारियों के समर्थन के बल पर करता है मनमानी

लखनऊ।
आर टी ओ ऑफिस लखनऊ में दलालों के बिना ड्राइवरी लाइसेंस बनवाना लोहे के चने चबाने जैसा है। लगा था कि ऑनलाइन होने से सुविधा हो जाएगी लेकिन वहां के बाबुओं के दोहरे रवैये से जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । मलिहाबाद के निवासी बृजेश कुमार ने बताया कि पिछले 2 बार आर टी ओ आफिस के चक्कर लगा चुके है लेकिन 11 नंबर काउंटर पर कार्यरत राजाराम बाबू ने सभी कागजात पूर्ण होने पर भी वापस कर देते है। वहीं पर दर्जनों लोग लर्निग लाइसेंस की लाइन में घंटों खड़े होकर अपने नंबर का इंतजार करते है। नंबर आते ही कागजात में कोई न कोई कमी बताकर उस युवक को वापस लौटकर सही करने की बात करते है।वही एक युवक के सभी कागजात पूर्ण होने पर भी डाक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन में मोबाइल नंबर लिखने को लेकर लौटाया।
लर्निंग बनवाने आये दूर दराज से लोगों ने बताया कि जो लोग बाहर टहल रहे दलाल के माध्यम से हजार पंद्रह सौ रुपये लेकर डाक्यूमेंट्स जमा करवा रहे थे। ऑनलाइन फर्मों को गलत ठहराने वाले चश्मा लगाए हुए राजाराम बाबू जिनको शायद सही से दिखाई नही पड़ता या न दिखने का नाटक करते हैं। विभागीय कर्मचारियो ने भी बाबू की अभद्रता और नाटक के विषय मे लोगो को परेशान करने की बात कही। वही युवको को वापस लौटाने के चलते बार बार दौड़ने से परेशान लोग दलालोन के पास जाने को मजबूर हो जाते हैं। वहां पर तैनात राजाराम बाबू सत्ता में अच्छी पैठ के चलते अपने बड़े अधिकारियों का भी कहना नही सुनता है अपनी मनमानी करने पर तुला है।जिसकी सुध लेने वाला कोई नही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.