भूमाफिया बनी एलडीए के प्रति किसानों में भर रहा सैलाब,

लखनऊ–राजधानी उत्तर प्रदेश का लखनऊ विकास प्रधिकरण इस समय किसी भूमाफिया से कम नही है। लेकिन पीड़ित किसानों ने भी उनसे दो-चार हाथ करने की ठान रखी है।

दरअसल भूमाफिया बना एलडीए राजधानी लखनऊ के अहमामऊ गांव में किसानो की जमीनो पर अवैध जबरन कब्जा करने की नीयत से आज फिर दल-बल के साथ मौके पर पहुंचा लेकिन पहले से ही सतर्क किसानो ने आज उसके मंसूबे पर पानी फेर दिया। एक तरफ एक एक कर एलडीकर्मी और उसके ठेकेदार जमा होने लगे तो दूसरी तरफ किसान कि तभी अचानक मौके पर अहमामऊ चौकी इंचार्ज पहुच गये और अपनी सूझ बझ से किसानो को शान्त किया ।एलडीए कर्मियो को भी शान्ती बनाये रखने की सलाह देकर मामले को शान्त किया।

चौकी इंचार्ज के जाने के बाद एलडीएकर्मी तो वहां से नही गये उलटा अपने अन्य सहयोगियो व तहसीलदार को बुला लिया। एलडीए अधिकारियो को आया देख किसान अपनी बेबसी तहसीलदार को सुनाने लगे और जमीन की पुन: माप करने का आग्रह करने लगे। इस पर एलडीए तहसीलदार भडक उठे । बोले कि एक बार चूना पड गया तो पड गया दुबारा पैमाईश नही होगी।  जमीन एलडीए की है और कब्जा कर ही लेंगे।

किसानो की माने तो खसरा संख्या 459,460,461,445,4668/9,467 आदि पर पिछले 40 सालो में दर्जनो बार जमीन की कई बार पैमाईश हुई अब तक कोई दिक्कत नही हुई। चक गंजरिया के अधिकारियो ने अपनी सीमा बना रखी थी । जमीने चक गंजरिया और किसाना की जमीन सटी होने के बावजूद भी  अब तक कोई विवाद नही हुआ। पिछले 40 सालो से अब तक जमीने  उनके कब्जे में है लेकिन अब एलडीए उनकी सुन नही रहा है।

जमीन की पैमाईश के विषय में एलडीए तहसीलदार ने तर्क दिया कि जमीन की पैमाईश के समय किसान क्यो नही आये। इस पर किसानो का जवाब था कि जब उनको किसी प्रकार को नोटिस नही आया। हालांकि जमीन की तीन बार पैमाईश हो चुकी है । तीनो बार एलडीए द्वारा  पैमाईश किसानो की मौजूदगी नही  करवाई गई थी ।

अहममाऊ गांव में एलडीए की गतिविधिया, अधिकारियो की कार्यशैली पर जल्द की कोई कार्यवाही नही हुई तो वह दिन दूर नही होगा जब किसानो के अन्दर एलडीए के प्रति भर रहा सैलाब भट्ठा परसौल की कहानी को यहां भी जन्म दे देगा।

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