अधिकारियो की मिलीभगत शौचालय में खुला भर्ष्टाचार का हो रहा खेल

 
लखनऊ काकोरी ब्लॉक का मामला मौजुदा सरकार में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर जहां एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी 2 महीने में भ्रष्टा कर्मचारियों व अधिकारियों को एक लाइन में खड़ा कर कार्रवाई करने को कह रहे हैं| वहीं दूसरी तरफ राजधानी लखनऊ के काकोरी ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है| काकोरी ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत अमेठिया सलेमपुर के प्रधान व सचिव की मिलीभगत से  स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत बनाए जा रहे शौचालय में लगातार खुलकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है|यहां के सचिव और प्रधान की मिलीभगत से ग्रामीणों को दिया जाने वाली शौचालय की रकम ₹12000 ना देकर अपने स्थानीय एक ठेकेदार को ठेका देकर उसको पीली ईट एक बोरी सीमेंट व दो बोरी डस्ट उपलब्ध कराकर मौजूदा सरकार की खुले में शौच मुक्त गांव होने की मंशा पर पूर्ण रुप से पानी फेरा जा रहा है| जिसकी बानगी अमेठिया सलेमपुर ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले गांव अमेठिया सलेमपुर, समरतनगर, नौबस्ता, मौलवी खेड़ा सहित अन्य गांव में देखी जा सकती है| नौबस्ता गांव निवासी शब्बीर अहमद ने बताया कि पहले तो प्रधान ने मुझे शौचालय उपलब्ध नहीं कराया यह कहकर कि तुम पूर्व प्रधान के आदमी हो लेकिन जब मैंने उच्चाधिकारियों से शिकायत की तब उन्होंने शौचालय उपलब्ध कराया| परंतु शौचालय बनने से पूर्व ही ऊपर रखने वाली छत टूट गई है|जिसकी शिकायत प्रधान से की परंतु अभी तक किसी प्रकार की कोई सुनवाई नहीं हुई | मौलवी खेड़ा गांंव निवासी प्रभुदेवी ने बताया कि शौचालय बन गया था| परंतु 10 दिन बाद ही शौचालय की दीवारें खिसक कर दूर हो गयी| और दीवारें चटक गई ऐसे में शौचालय के अंदर जाने से डर लगता है

अब सवाल यह उठता है कि 10 दिन के अंदर पूर्ण रुप से शौचालय बदहाली के कगार पर क्यों आ गया?

ग्रामीणों ने यह भी बताया कि कागज पर दिखाया गए कार्य मौजूदा स्थिति में नहीं हुए हैं| जिसकी शिकायत जिला पंचायत राज अधिकारी से की है|

इस संबंध में काकोरी विलेज डेवलपमेंट ऑफिसर संस्कृता मिश्रा ने बताया कि यदि ऐसा है तो जांच कराकर सचिन हुआ प्रधान के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी|

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