3 किमी तक बस के बाहर खिड़की पर लटका रहा युवक, कंडक्टर ने नहीं खोला गेट

बाराबंकी – यूपी में परिवहन विभाग का संवेदनहीन मामला सामने आया जिसमें एक युवक को 3 किमी तक बस के बाहर की खिड़की पर लटक कर सफर करना पड़ा। जान पर बन आई संवेदनहीन कंडक्टर ने नहीं खोला गेट।

मामला बाराबंकी का है जहां उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बस का एमएसटी धारक युवक लगभग 3 किलोमीटर तक बस के बंद गेट पर हैंडल पकड़े लटकता रहा और बस लगातार चलती रही, यह मामला बाराबंकी-बहराइच मार्ग का है जिसपर कानपुर से बहराइच जाने वाली लॉन्ग रूट की बस UP40T3946 कानपुर से बहराइच आ रही थी।

रामनगर तिराहे के पास इस बस को लगभग 11 बजे युवक उपेन्द्र गुप्ता ने रुकवाने की कोशिश की, वो घर जाने के लिए वहां खड़ा था, उपेंद्र रामनगर थाना क्षेत्र के सेमराय गांव का निवासी है और लखनऊ में एक दुकान पर काम करता है, बाराबंकी में एक शादी में शामिल होने की वजह से उसे देर हो गयी थी और वह बस के इंतज़ार में बहराइच तिराहे पर खड़ा था।

उसे देखकर पहले तो बस के कंडक्टर और ड्राइवर ने बस को यह सोचकर रोक दिया की शायद सवारी बहराइच तक कि होगी लेकिन जब युवक ने अपना रोडवेज का मासिक पास (एमएसटी) दिखाया तो कंडक्टर ने बिना गेट खोले बस को आगे बढ़ने को कह दिया, जबतक ये सब हुआ तब तक युवक बस के पायदान पर हैंडल के सहारे खड़ा हो चुका था और बस बस चलने लगी थी।

युवक कंडक्टर से मिन्नतें करता रहा, लेकिन कंडक्टर ने बस नहीं रोकी और लगभग 3 किलोमीटर उपेन्द्र हैंडल पकड़े लटकता रहा। यह देखकर बस में बैठे यात्रियों ने विरोध किया और खुद बस का दरवाजा खोला तब जाकर युवक बस में आकर बैठ सका।

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