भारतीय पुरातत्व विभाग ने रामबाग में योगा पर लगाया प्रतिबंध

“क्या हम आतंकवादी है जो पुलिस वेरिफिकेशन कराना होगा” योग करने वाले लोगों ने कहीं यह बात

आगरा. “भारतीय पुरातत्व विभाग ने रामबाग में सुबह सुबह योगा करने वाले लोगों के लिए आतंकवादियों जैसे नियम लागू कर दिए हैं”. ये हम नहीं पार्क में जाने वाले बड़े बुजुर्ग कह रहे हैं. एएसआई ने रामबाग पार्क में सुबह योग करने जाने के लिए पास होना जरूरी कर दिया है. वहीं इस पास को बनवाने के लिए पुलिस वेरिफिकेशन भी करानी पड़ेगी. जिसके बाद लोगों को पुलिस द्वारा अनावश्यक परेशान किए जाने का डर है. जिसके लिए उन्होंने पुलिस वेरिफिकेशन खत्म करने और पास का सालाना मूल्य को कम करने की मांग की है. लेकिन एएसआई के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही. इन लोगों ने कई बार क्षेत्रीय विधायक और जनप्रतिनिधियों से भी शिकायत की है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

दरअसल आपको बता दें करीब 80 से 90 लोग रामबाग पार्क में पिछले करीब 20 से 25 सालों से रोज सुबह योग व व्यायाम करते हैं. जिसके लिए वह एएसआई द्वारा जारी किए गए पास से प्रवेश करते थे और उस पास के सालाना मूल्य ₹35 को अदा करते थे. जिसे अब एएसआई ने ₹50 महीना व ₹600 सालाना कर दिया है.

रामबाग पार्क में सालों से योग कर रहे सुधीर गुप्ता ने बताया कि पहले हम पार्क में आने के लिए ₹35 सालाना चुकाते थे. जिसके बाद कोरोना आ गया तो पार्क को बंद कर दिया गया. करीब 3 साल तक पार्क के बंद रहने के बाद उसे फिर से खोला गया तो हमने फिर से पार्क में योग करने के लिए आवेदन किया. लेकिन इस बार एएसआई ने जारी किए जाने वाले पास के ऊपर ₹50 महीना व ₹600 सालाना शुल्क लगा दिया है. हम सब बुजुर्ग लोग हैं रिटायर लोग हैं ऐसे में इतनी कीमत हम कैसे बहन करेंगे. और वहीं एएसआई ने पास के लिए पुलिस वेरिफिकेशन आवश्यक कर दिया है. हम सभी अधिकतर सरकारी नौकरी से रिटायर हैं हमारे पास आधार कार्ड भी है फिर हमें पुलिस वेरिफिकेशन की क्या आवश्यकता है. और पुलिस वेरिफिकेशन कराना कोई हंसी खेल नहीं है. क्योंकि आपको पता है कि पुलिस से काम कराने के लिए कितना संघर्ष करना पड़ता है.

इंडस्ट्रियल एरिया नुनिहाई के रहने वाले राजेंद्र चौधरी का कहना है कि हम सालों से रामबाग पार्क में व्यायाम और योग करने के लिए आते हैं. लेकिन 2015 से एएसआई ने पास बनाना बंद कर दिया और फिर कोविड के समय में रामबाग पार्क को भी बंद कर दिया गया. अब एसआई का कहना है कि आपको ₹50 महीना शुल्क देना पड़ेगा और पुलिस वेरिफिकेशन कराना पड़ेगा. जबकि हम ₹100 सालाना खर्च करने को तैयार है लेकिन ₹50 महीना नहीं दे पाएंगे. पुलिस वेरिफिकेशन पर उन्होंने कहा कि यहां पर पर्यटक मात्र टिकट पर ही पूरे दिन रुकते हैं. उनका पुलिस वेरिफिकेशन नहीं किया जाता. तो क्या हम आतंकवादी हैं जो हमारा पुलिस वेरिफिकेशन किया जा रहा है. उनकी मांग है कि पुलिस वेरिफिकेशन को एएसआई रद्द कर दे और फीस में भी कमी लाए.

भारतीय पुरातत्व आगरा के अधिकारी राजकुमार पटेल का कहना है कि रामबाग पार्क की ₹600 सालाना फीस नहीं है. और पुलिस वेरिफिकेशन के लिए एएसआई ने निर्देश नहीं दिए बल्कि यह निर्देश केंद्र सरकार द्वारा दिए गए हैं. जिनका पालन करना आवश्यक है इसमें एएसआई कोई भी बदलाव नहीं कर सकता. इसके लिए कई बार इन लोगों ने मुलाकात की है. और इनको साफ तौर पर नियम ना बदल पाने के लिए निर्देशित कर दिया गया है.

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