कोरोना केस कम होने से कुछ राहत जरूर मिली लेकिन अब इंसेफेलाइटिस आफत बनकर आ गया है। गोरखपुर मंडल के जिलों में केस तेजी से बढ़ रहे हैं। वहीं, बीते दिनों छह बच्चों की मौत भी हुई है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से अब तक गोरखपुर मंडल के चार जिलों में 12 मासूमों की मौत हो चुकी है। इनमें से 5 गोरखपुर के हैं।
इस सभी जिलों में स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मोड पर कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, अगर इंसेफेलाइटिस के लक्षण समझ आते हैं, बच्चों में बुखार और दौरे पड़ने की शिकायत है तो 104 नंबर पर फोन किया जा सकता है।
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सबसे ज्यादा मरीज कुशीनगर में
कुशीनगर में अब तक 36 मरीज मिल चुके हैं। दो बच्चों की मौत हुई है। इन सभी में इंसेफेलाइटिस के लक्षण देखने को मिले हैं। बुखार और दौरे पड़ने के लक्षण के चलते बच्चों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। डॉक्टर्स का कहना है कि सभी की हालत ठीक है, लेकिन तेजी से बढ़ रहे केस को रोकना बहुत जरूरी है।
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महराजगंज में 28 मरीज, 4 की मौत
28 मरीजों के साथ महराजगंज दूसरे नंबर पर है। महराजगंज में चार मरीजों की मौत हुई है। जिले में इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है। मरीजों को गोरखपुर ही रेफर किया जाता है। गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में इंसेफेलाइटिस का वार्ड बनाया गया है। बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेडिकल कॉलेज में भर्ती महराजगंज के सिसवा की रहने वाली 6 वर्षीय सौम्या रौनियार व इंसेफेलाइटिस से पीड़ित अन्य मरीजों का हाल जाना। साथ ही, डॉक्टरों को बेहतर इलाज और व्यवस्थाओं के निर्देश दिए थे।
हर साल आती है मुसीबत, गोरखपुर मेडिकल कॉलेज का दावा- तैयार हैं
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने बताया कि मेडिकल कॉलेज प्रशासन हर तरह की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है। तीसरी लहर से पहले ही बच्चों के लिए अलग से 100 बेड का पीडियाट्रिक वार्ड बना दिया गया है। इंसेफेलाइटिस के लिहाज से अलग वार्ड बनाए गए हैं। इन वार्डों में मरीजों का इलाज चल रहा है। मौजूदा समय में करीब 100 के आसपास मरीज भी भर्ती हैं।