यूपी की आठ सीटों के 80 प्रत्याशियों की किस्मत EVM में हुई कैद, 61.12% हुआ मतदान

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पहले चरण में शांतिपूर्ण रहा मतदान

अखिलेश यादव ने की जांच की मांग

ब्यूरो, लखनऊ। लोकसभा चुनाव के पहले चरण में प्रदेश की आठ सीटों पर मतदान की प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही 80 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है। इन सीटों पर शाम पांच तक 61.12 प्रतिशत औसत मतदान हुआ। सहारनपुर में सर्वाधिक 66.65 प्रतिशत और रामपुर में सबसे कम 55.64 प्रतिशत पड़े वोट।

छिटपुट घटनाओं को छोड़ दें तो सभी आठ सीटों पर शांतिपूर्ण मतदान हुआ। इस दौरान मिली शिकायतों के आधार पर 50 बैलेट यूनिट, 50 कंट्रोल यूनिट और 152 वीवीपैट को बदला गया। पहले चरण के चुनाव में 14,264 मतदाताओं ने पोस्टल बैलेट का इस्तेमाल किया। प्रथम चरण में सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, कैराना, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर तथा पीलीभीत के लिए शुक्रवार को शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हुआ। कुछ जगहों पर ईवीएम व वीवीपैट खराब होने की शिकायतें मिलीं। इन्हें बदलकर मतदान शुरू कराया गया। सुबह उत्साह के साथ बूथों पर पहुंचे मतदाताओं की संख्या दोपहर में तेज धूप के कारण कम हुई। हालांकि शाम चार बजे के बाद मतदान से फिर से रफ्तार पकड़ी।

इन सीटों पर 2019 की तुलना में इस बार मतदान प्रतिशत कम रहा। सहारनपुर में सुबह नौ बजे तक 14.27 प्रतिशत वोट पड़े। 11 बजते ही मतदाताओं की संख्या कम होती गई। 11 बजे तक 28.64 प्रतिशत मतदान हुआ। कई स्थानों पर ईवीएम खराब होने के कारण मतदान देरी से शुरू हुआ। पहली बार वोट डालने वाले युवा और महिलाएं बेहद उत्साहित दिखीं।

मुजफ्फरनगर में सपा प्रत्याशी हरेंद्र मलिक ने कुटबा-कुटबी के मतदान केंद्रों पर गड़बड़ी की आशंका जताते हुए शिकायत की तो भाजपा नेताओं ने कल्याणपुर में मतदान केंद्र पर कुछ लोगों द्वारा भाजपा प्रत्याशी के एजेंट को परेशान करने का आरोप लगाया गया। कैराना लोकसभा सीट पर भी सुबह कुछ जगहों पर ईवीएम की खराबी की सूचना भी आई। इससे मतदान प्रभावित हुआ। सुबह सात बजे से 11 बजे तक मतदाताओं में उत्साह देखने को मिला। दोपहर में कई बूथ खाली नजर आए। शाम को भी फिर से बूथों पर लंबी कतारें लगीं। बिजनौर और नगीना लोकसभा क्षेत्रों में दिनभर शांतिपूर्ण मतदान हुआ।कुछ जगह ईवीएम की गड़बड़ी के बीच मतदान ने रफ्तार पकड़ी। बिजनौर लोस सीट की चांदपुर विधानसभा क्षेत्र के हीमपुर दीपा क्षेत्र के गांव गदनपुरा में पीठासीन अधिकारी पर एक प्रत्याशी के पक्ष में मतदान कराने के आरोप पर जमकर हंगामा हुआ। हंगामा कर रहे पूर्व प्रधान और उसके पुत्र को हिरासत में ले लिया गया। बाद में उन्हें छोड़ दिया गया और पीठासीन अधिकारी को भी हटा दिया। रामपुर में पुलिसकर्मियों पर वोट डालने से रोकने के आरोप लगे।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के एक्स (ट्वीट) पर पुलिस अधीक्षक ने इसकी जांच भी कराने की बात कही है। पीलीभीत में कई जगह ईवीएम में खराबी की शिकायत मिली। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने शाम पांच बजे तक हुए मतदान की जानकारी मीडिया से साझा करते हुए बताया कि सभी आठ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में सुबह सात से शाम छह बजे तक मतदान की प्रक्रिया चली।मतदान शांतिपूर्ण रहा, इस दौरान कंट्रोल रूम और इंटरनेट मीडिया से मिलने वाली सभी शिकायतों का त्वरित समाधान किया गया। इंटरनेट मीडिया के माध्यम से 29 शिकायतें आईं, ज्यादातर शिकायतें ईवीएम की खराबी से जुड़ी थी। उन्होंने बताया कि सभी 14854 मतदेय स्थलों के लिए पर्याप्त ईवीएम की व्यवस्था की गई थी। मतदान के दौरान जहां भी शिकायत प्राप्त हुई, वहां तत्काल इन्हें बदला गया।

मतदान की प्रक्रिया को स्वतंत्र व निष्पक्ष बनाए रखने के लिए 7582 मतदेय स्थलों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई थी, जिसकी निगरानी जिला निर्वाचन अधिकारी, मुख्य निर्वाचन अधिकारी और भारत निर्वाचन आयोग तीनों के स्तर पर किया गया। मतदान पर नजर रखने के लिए आयोग द्वारा आठ सामान्य प्रेक्षक, पांच पुलिस प्रेक्षक और 10 व्यय प्रेक्षक भी तैनात किए गए थे। इसके अलावा 1272 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 150 जोनल मजिस्ट्रेट, 103 स्टैटिक मजिस्ट्रेट ओर 1861 माइक्रो आब्जार भी तैनात किए गए थे।

डीजीपी डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि सभी आठ सीटों पर शांतिपूर्ण ढंग से मतदान संपन्न हुआ है। कहीं किसी प्रकार के विवाद अथवा अप्रिय स्थिति होने की सूचना नहीं है। सभी 7,689 मतदान केंद्रों पर पुलिस अधिकारी व जवान मुस्तैद रहे। संवेदनशील मतदान स्थलों पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल व पीएसी के जवान भी मुस्तैद रहे।डीजीपी मुख्यालय स्तर पर भी कंट्रोल रूम के माध्यम से हर छोटी-बड़ी सूचना पर नजर रखी गई। इंटरनेट मीडिया के माध्यम से विभिन्न स्थानों पर ईवीएम में गड़बड़ी, मतदान से रोके जाने, मतदाता सूची में नाम न होने समेत अन्य शिकायतें आईं, जिन्हें संबंधित जिलों के अधिकारियों को भेजा गया। डीजीपी का कहना है कि चुनाव के दौरान किसी प्रकार की गड़बड़ी करने वालों से पूरी सख्ती से निपटे जाने के निर्देश हैं। इंटरनेट मीडिया की भी लगातार मॉनिटरिंग कराई जा रही है।

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