ब्यूरो, लखनऊ।विधानसभा में श्रीराम जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई संदेश के मुद्दे पर सोमवार को विधानसभा में समाजवादी पार्टी में दो फाड़ हो गए। बधाई संदेश के विरोध में सपा के 14 विधायकों ने हाथ उठाए जबकि शेष विधायकों ने बधाई संदेश का विरोध नहीं किया।
विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने राम मंदिर निर्माण के लिए विधानसभा की ओर से पीएम मोदी और सीएम योगी के नाम बधाई संदेश पारित करने का प्रस्ताव रखा। खन्ना ने कहा कि अयोध्या में 500 वर्ष के संघर्ष और 161 वर्ष की कानून लड़ाई के बाद सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा भी हो गई है। उन्होंने कहा कि यह इस सदी की सबसे बड़ी घटना है जिसके कारण वर्षों बाद हमारा गौरव लौटकर आया है। यह मंदिर केवल सामाजिक सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को ही मजबूत नहीं करेगा बल्कि पर्यटन क्षेत्र को भी इससे बहुत बढ़त मिलेगी।
उन्होंने कहा कि यह मंदिर दुनिया का सबसे विशाल और खूबसूरत मंदिर है। करोड़ों लोग मंदिर के दर्शन को आतुर है, आगामी दिनों में भारी संख्या में देशी और विदेशी पर्यटकों के आने की संभावना है। इससे प्रदेश की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।खन्ना के बधाई प्रस्ताव पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सदन में वोटिंग कराई। उन्होंने कहा कि जो सदस्य बधाई प्रस्ताव के समर्थन में हैं वह हां कहें। भाजपा, अपना दल एस, सुभासपा और निषाद पार्टी के विधायकों ने बधाई प्रस्ताव का समर्थन किया। बसपा के एक मात्र विधायक उमाशंकर सिंह ने भी बधाई प्रस्ताव का समर्थन किया।
14 विधायकों ने किया विरोध
महाना ने कहा कि जो सदस्य बधाई प्रस्ताव के विरोध में हैं, वह हाथ खड़े कर इसका विरोध करें। सपा के विधायक लालजी वर्मा, स्वामी ओमवेश, मनोज पारस सहित 14 विधायकों ने हाथ खड़े कर बधाई प्रस्ताव का विरोध किया। महाना ने कहा कि इन 14 सदस्यों को छोड़कर शेष पूरे सदन की सहमति से बधाई प्रस्ताव पारित किया जाता है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि भाजपा ने सदन में सोची समझी रणनीति के तहत इस मुद्दे के जरिये सपा को दो फाड़ कर दिया है। उल्लेखनीय है कि सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह पहले ही सभी विधायकों को अयोध्या दर्शन के लिए लेकर जाने की व्यवस्था का आग्रह कर चुके हैं।