22 जनवरी को होगा उद्घाटन
अयोध्या। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर सुरक्षा की रूपरेखा तैयार होने लगी है। इस अवसर पर अभेद्य सुरक्षा कवच तैयार करने के लिए कई स्तर पर कवायद चल रही है। रामनगरी में स्थानीय लोगों के साथ ही किरायेदारों का सत्यापन आरंभ हो गया है। विशेष रूप से वीवीआइपी आवागमन मार्ग पर निवास करने वालों का विवरण एकत्र किया जा रहा है अपनी रणनीति को गोपनीय रखते हुए पुलिस आगे बढ़ रही है। पांच अगस्त 2020 को राममंदिर के भूमि पूजन पर, जितनी फोर्स तैनात थी उसके दोगुने सुरक्षा कर्मी इस आयोजन को संपन्न कराने में योगदान देंगे। पीएसी और पैरामिलिट्री फोर्स भी अधिक होगी।
सड़क के अतिरिक्त नदी से भी निगरानी के प्रबंध किये जाएंगे, जिसके लिए नावों से गश्त की योजना है। एनएसजी और एटीएस कमांडो के साथ-साथ ड्रोन भी तैनात होगा। यातायात प्रबंधन भी अलग होगा। डायवर्जन का रूट चार्ट तैयार करने के लिए मार्गों का अध्ययन यातायात पुलिस कर रही है। अति विशिष्ट अतिथियों के आवागमन के लिए अलग से मार्ग निर्धारित होंगे, जिस पर सामान्य वाहनों का संचालन प्रतिबंधित होगा। इसीलिए रामनगरी में में नए मार्गों का निर्माण तेजी से किया जा रहा है।
आगामी 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आना है। इसके अतिरिक्त देश व विदेश के भी विशिष्टजन अतिथि रूप में शामिल होंगे। इसलिए सुरक्षा की सबसे बड़ी चुनौती है। रामजन्मभूमि की स्थाई सुरक्षा समिति की गत दिनों हुई बैठक में प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारी ही चर्चा के केंद्र में रही। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पांच अगस्त 2020 को राममंदिर के लिए हुए भूमि पूजन में करीब चार से पांच हजार सुरक्षा कर्मी तैनात थे।
प्राण प्रतिष्ठा में इससे दोगुनी फोर्स तैनात रहेगी। करीब दस कंपनी पीएसी व छह कंपनी से अधिक पैरामिलिट्री फोर्स को तैनात करने की आवश्यकता समझी जा रही है। अतिरिक्त फोर्स की डिमांड को लेकर पत्रावली तैयार होने लगी है। छह दिसंबर के बाद इस दिशा में प्रयास दिखाई पड़ने लगेगा। बड़ी संख्या में उपलब्ध होने वाली अतिरिक्त फोर्स के आवासीय प्रबंध की भी चुनौती होगी।