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तबादले में इन अनियमितताओं की थीं शिकायतें

कई अन्य अफसरों पर भी हो सकती है कार्रवाई

लखनऊ।
अवर सचिव उपभोक्ता मामले, खाद्य और सा‌र्वजनिक वितरण मंत्रालय भारत सरकार में तैनात अनिल कुमार पांडेय नई सरकार के गठन के बाद प्रतिनियुक्ति पर यूपी सरकार में आए थे। इन्हें लोक निर्माण विभाग में विशेष कार्याधिकारी के पद पर यहां तैनाती दी गई थी।तीन वरिष्ठ आईएएस की जांच टीम को तबादले में कई गड़बड़ियां मिली हैं। नियमों को ताक पर रखते हुए कुछ को मनचाही तैनाती देने तो कुछ को पुरानी तैनाती स्थल पर ही सुरक्षित रखा गया। दबाव में पिछली तारीखों में तबादले से संबंधित कई आदेश जारी किए जाने के साक्ष्य मिलने की सूचनाएं भी हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही इस मामले में कई अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है।

तबादला सूची जारी होने पर नियमानुसार इसकी प्रति संबंधित समय पर संघ और संगठन को उपलब्ध कराई जाती है, लेकिन संगठन को इसकी प्रति 11 जुलाई तक उपलब्ध नहीं कराई गई थी। स्टाफ अफसर पर बैक डेट का कार्य 12 जुलाई तक करने का आरोप लगाया गया था। दुर्भावनावश कई अभियंताओं का तबादला 500 किमी. तक दूर करने तथा एक अधिशासी अभियंता के दस दिन के अंदर तीन तबादले और एक खंड में दो अधिशासी अभियंताओं को नई तैनाती दिए जैसी लापरवाहियों की शिकायतें भी थीं।

प्रदेश के चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने सबसे पहले मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर तबादलों में भ्रष्टाचार की आवाज उठाई थी। इस पर मुख्यमंत्री ने तीन वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा, एसीएस गृह अवनीश अवस्थी और एसीएस आबकारी संजय भूसरेड्डी की जांच कमेटी गठित कर दी थी। बाद में पीडब्ल्यूडी में भी तबादलों में गड़बड़ी का खुलासा हुआ तो मुख्यमंत्री ने पीडब्ल्यूडी में हुए भ्रष्टाचार की जांच के लिए एपीसी मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में एक अन्य कमेटी बना दी थी। यह कार्रवाई इसी कमेटी की जांच के बाद हुई है।

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