अरूण शर्मा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बीज निगम में घोटाले की परत-दर-परत खुलती जा रही है। किसानों को देने वाले बीज उन तक तो पहुंच नहीं पा रही लेकिन विभागीय अफसरों को नोट गिनने से फुरसत नहीं मिल रही है। अफसरों ने सरकारी योजनाओं के नाम पर सिर्फ किसानों को लूटने का काम किया है। यही वजह हैै कि जिसे जहां मौका मिला भ्रष्टïाचार का चौव्वा-छक्का मारता रहा। अब देखिये, उरई में शासन के निर्देश पर वर्ष 2022 में लगभग चार से पांच करोड़ खर्च कर बीज कार्यालय एवं गोदाम का निर्माण कराया गया। निर्माण कार्य अधिशाषी अभियंता जी.सी.गुप्ता की देखरेख में पूरा किया गया है। एक वर्ष भी नहीं बीता कि गोदाम में बना फर्श धंस गया है।
गोदाम धंसने की खबर फैलते ही अधिकारियों में हड़कम्प मच गयी है। दोषी अधिशाषी अभियंता पर कार्रवाई करने के बजाये सभी इसकी लीपापोती करने में जुट गये हैं। इतना ही नहीं,यहीं बगल में पानी की टंकी का भी निर्माण किया गया है लेकिन वहां पानी तो नहीं हां मरे हुये कबूतर देखे जा सकते हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2022 में उरई गोदाम बना था लेकिन कमीशन खोरी और घटिया निर्माण कार्य की वजह से गोदाम की जमीन बैठ गयी है जिसकी वजह से लाखों रुपये के बीच बर्बाद हो गये हैं।