ब्यूरो
लखनऊ । उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 36 एमएलसी सीटों के लिए हो रहे चुनाव के तहत पहले चरण की 30 सीटों में से नौ सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बिना चुनाव लड़े ही कब्जा कर लिया है। बदायूं, हरदोई, बांदा-हमीरपुर सहित कई सीटों पर सपा प्रत्याशियों ने नाम वापस लेकर भाजपा की जीत की राह आसान बना दी। गुरुवार को 19 प्रत्याशियों ने नाम वापस लिए। अब पहले चरण की 30 में से 21 सीटों के लिए ही नौ अप्रैल को मतदान होगा। शेष छह सीटों की नाम वापसी शुक्रवार को होगी।
भाजपा ने बदायूं, हरदोई, खीरी, मीरजापुर-सोनभद्र, बांदा-हमीरपुर, अलीगढ़, बुलंदशहर व मथुरा-एटा-मैनपुरी स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र की सीटों पर निर्विरोध कब्जा कर लिया है। मथुरा-एटा-मैनपुरी ऐसा निर्वाचन क्षेत्र है जहां से दो प्रत्याशी चुने जाते हैं। यहां सपा के उदयवीर सिंह व राकेश यादव का पर्चा जांच में खारिज हो गया था। उदयवीर एक सेट ही नामांकन कर पाए थे, दूसरा सेट जब जमा करने जा रहे थे तब उनके साथ भाजपा समर्थकों ने मारपीट की थी। सपा के प्रत्याशियों में बदायूं से सिनोद शाक्य, हरदोई से रजीउद्दीन, मीरजापुर-सोनभद्र से रमेश यादव व बांदा-हमीरपुर से आनंद कुमार ने अपना नामांकन वापस ले लिया। बुलंदशहर से रालोद-सपा गठबंधन प्रत्याशी सुनीता शर्मा भी अपना नाम वापस लेकर लड़ाई से पहले ही मैदान से बाहर हो गईं।
लखीमपुर खीरी सीट से सपा के अनुराग पटेल के तीनों सेट नामांकन पत्र पहले ही जांच में निरस्त हो गए थे। अलीगढ़ से सपा के जसवंत सिंह का भी नामांकन पत्र जांच में खारिज हो गया था। यही वजह है कि इन सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी चुनाव लड़ने से पहले ही विजयी घोषित हो गए।अब 21 सीटों के लिए 76 प्रत्याशी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। प्रतापगढ़ व मेरठ-गाजियाबाद सीट से सर्वाधिक छह-छह प्रत्याशी चुनाव मैदान में बचे हैं। आजमगढ़-मऊ, इलाहाबाद, आगरा-फिरोजाबाद व मुजफ्फरनगर-सहारनपुर से पांच-पांच, पीलीभीत-शाहजहांपुर, रायबरेली, सुलतानपुर व झांसी-जालौन-ललितपुर से चार-चार प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। वहीं, रामपुर-बरेली, सीतापुर, बाराबंकी, जौनपुर, वाराणसी व इटावा-फर्रुखाबाद से तीन-तीन प्रत्याशी चुनाव मैदान में डटे हैं।