होमगार्ड विभाग: हवलदार प्रशिक्षक का यूपीएचजी,आफिस में राजनैतिक पार्टी का प्रचार करने का मामला पहुंचा चुनाव आयोग में…
रामनगर ट्रेनिंग सेंटर के हवलदार प्रशिक्षक अंजन भगत का व्हाटसअप पोस्ट पहुंचा चुनाव आयोग
शर्मनाक: कार्रवाई करने के बजाये इलाहाबाद के मंडलीय कमांडेंट,मिर्जापुर के कमांडेंट कर रहें बचाव
हवलदार प्रशिक्षक अंजन भगत ने पहले भी कई बार ‘निजी व्हाटसअप ग्रुप’ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ उगला है आग
डीआईजी विवेक सिंह को हवलदार प्रशिक्षक के खिलाफ और सबूत चाहिये,द संडे व्यूज़ ने सबूतों की फेहरिस्त देे डाली, अब?
वैभव पाण्डेय
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मुख्यमंत्री येागी आदित्यनाथ के विभाग के अफसर ही आचार संहिता का उल्लंघन करा रहे हैं। इस खेल में मुख्यालय एवं जिले में तैनात अधिकारी भी शामिल हैं। रामनगर में होमगार्ड ट्रेनिंग सेंटर पर तैनात हवलदार प्रशिक्षक अंजन भगत ने ‘यूपीएचजी आफिस’ ग्रुप पर एक राजनैतिक पार्टी का पोस्टर डालकर प्रचार कर रहा था। ‘द संडे व्यूज़‘ के ‘स्टेट हेड‘ ने प्रमुखता से खबर को उठाया और मुख्यालय पर तैनात डीआईजी,सीटीआई विवेक सिंह से बात भी की। डीआईजी का जवाब बेतुका रहा,जिसे खबर में उनके शब्दों में लिखा गया। उन्होंने यह भी कहा था कि यदि अंजन भगत बार-बार लिखता रहा है तो मैं कुछ करूंगा…ये जो पोस्टर भेजा है वो विभागीय नहीं उसका निजी व्हाटसअप ग्रुप है…। भाजपा सरकार के खिलाफ हवलदार प्रशिक्षक काफी अर्से से अपने निजी व्हाटसअप ग्रुप पर आग उगलता रहा है। उसका निजी ग्रुप ‘अंजन भगत’ नाम से चलता है। सबूत भी चस्पा कर रहा हूं क्योंकि आपलोग तो कुछ करेंगे नहीं लेकिन अब मामला चुनाव आयोग के पास भेजा गया है। विवेक जी बता दें कि ‘निजी व्हाटसअप ग्रुप’ नाम से होता है, यानि अंजन भगत नाम से… जिसमें कोई भी व्यक्ति जुड़ सकता है लेकिन हवलदार प्रशिक्षक ने पोस्ट ‘यूपीएचजी आफिस’ ग्रुप में डाला था, जिसमें डीआईजी से लेकर समस्त अधिकारी कर्मचारी ही जुड़े हैं, इसे पर्सनल नहीं कह सकते हैं। बता दें कि हवलदार प्रशिक्षक अंजन भगत को बचाने एवं उसके खिलाफ कार्रवाई ना हो इसके लिये इलाहाबाद में तैनात मंडलीय कमांडेंट ने मुख्यालय पर तैनात एक अधिकारी को फोन कर सिफारिश की। इसी तरह मिर्जापुर में तैनात कमांडेंट ने द संडे व्यूज़ में कॉल कर खबर दुबारा ना छापने की सिफारिश की, उसके बाद सीटीआई में तैनात डीआईजी विवेक सिंह से पैरवी की। सोचने की बात है कि आचार संहिता का उल्लंघन कर जो कर्मचारी ‘देश’ के साथ ‘धोखेबाजी’ करने काम कर रहा है,उसके खिलाफ विभाग को कार्रवाई करने के बजाये उसका बचाव करने में लग गये हैं,शर्मनाक…।
होमगार्ड मुख्यालय के अफसरों की शह पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र रामनगर ट्रेनिंग सेंटर पर तैनात हवलदार प्रशिक्षक अंजन भगत को बचाने में जुट गये हैं। बता दें कि 13 जनवरी 2022 को द संडे व्यूज़ ने शीर्षक ‘आचार संहिता का डीआईजी विवेक सिंह ने उड़ाया मजाक,हवलदार प्रशिक्षक अंजन भगत प्राईवेट ग्रुप से कर रहा प्रचार कैसे करूं कार्रवाई’ ? खबर में स्टेट हेड संजय पुरबिया ने खुलासा किया कि किस तरह से होमगार्ड विभाग के अफसर आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले हवलदार प्रशिक्षक अंजन भगत को बचाने में जुट गये हैं। इसके पीछे की वजह बतायी जा रही है कि मंडलीय कमांडेंट पूर्व में रामनगर में तैनात थे तो अंजन उनका खूब ‘सेवा-सत्कार’ करता रहा और वाराणसी जाने पर जिलों में तैनात अधिकारियों के ‘रहने-खाने’ और ‘घुमाने’ की ‘फ्री’ व्यवस्था कराता है।ये वही अंजन भगत है जो पिछले कई वर्षों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित भाजपा के खिलाफ आग उगलने की खबरों को अपने व्हाटसअप ग्रुप पर वायरल करता रहा है।
1- अंजन कुमार भगत ने नवंबर माह में अपने निजी व्हाटसअप ग्रुप पर डाला था कि जनार्दन रेड्डी भाजपा नेता ने 500 करोड़ में बेटी की शादी की। अब सवाल सिम्पल सा है? ? 500 करोड़ पुराना नोट था या नया? अगर पुराना था तो सधारण रूप में कैसे चला? और अगर नया नोट था तो इतना नया नोट उसके पास कहां से आया जबकि एक सामान्य व्यक्ति के बचत खाते से निकासी लिमिट 24000 रुपया साप्ताहिक है और मासिक लिमिट 50000 है। मोदी मियां जनता जवाब चाहती है।
2- फरवरी माह में एक हेडिंग डाला है जिसमें लिखा है कि 25 लाख मांगे थे जो मैं नहीं दे पाया इसीलिये बीजेपी ने मुझे निकाल दिया।
3- 1 मार्च को पोस्ट किया कि अफजल गुरु आतंकवादी नहीं शहीद है ऐसा महबूबा मुफ्ति और उसकी पार्टी पीडीपी मानता है तो फिर देशभक्त भाजपा ने सत्ता के लालच में पीडीपी के साथ मिलकर सरकार क्यों बनायी? अगर है हिम्मत तो भक्त इस बात का जवाब दें।
इसी तरह के कई और पोस्ट हैं जो ऐंटी बीजेपी है। चलिये ये अंजन भगत का अपना निजी व्हाटसअप ग्रुप है लेकिन क्या एक सरकारी कर्मचारी सरकार विरोधी बयान अपने निजी व्हाटसअप पर डाल सकता है ? क्या ये आचरण नियमावली का उल्लंघन नहीं है ? डीआईजी विवेक सिंह,क्या और सबूत चाहिये ?