लखनऊ । अपने राजनीतिक सफर के 25 साल पूरे होने पर राजा भैया की लखनऊ के रमाबाई आंबेडकर मैदान में आयोदित की गई रैली कई मायनों में सफल रही.मायावती के बाद लखनऊ के रमाबाई पार्क में यह सबसे बड़ी रैली रही. वहीं राजा भैया की रैली में लाखों समर्थक पहुंचे. अनुमान के मुताबिक यह भीड़ दो लाख के करीब थी.
रैली के बाद सत्ता के गलियारों में हलचल तेज हो गई है. कहा जा रहा है कि सवर्णों के साथ लेकर पार्टी बनाने वाले राजा भैया ने अपनी धमक इस रैली से एक बार फिर दिखाई है. दरअसल उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिला के कुंडा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ ‘राजा भैया’ की शुक्रवार को राजधानी लखनऊ के रमाबाई आंबेडकर मैदान में विशाल रैली का आयोजन किया गया.
इस रैली में राजा भैया को सुनने के लिए सात राज्यों से उनके समर्थक पहुंचे थे.राजा भैया की इस रैली में हजारों की भीड़ जनसत्ता पार्टी के रंग में रंगी नजर आ रही थी. राजा भैया के समर्थक हाथों में झंडे, पोस्टर लेकर नारेबाजी करते हुए उत्साहित नजर आ रहे थे. वहीं राजा भैया की पार्टी के झंडे और बैनर लगे दो पहिया से लेकर चार पहिया वाहन राजधानी की सड़कों पर नजर आ रहे थे. इसके चलते राजा भैया के समर्थकों ने रैली को राजा भैया रजत जयंती अभिनंदन समारोह का नाम दिया है. उन्होंने इस रैली के माध्यम से अपने नए राजनीतिक सफर की हुंकार भरी.
वहीं रैली को संबोधित करते हुए राजा भैया ने कहा कि रेप और हत्या के बाद पीड़ित को जाति के आधार पर मिलने वाला मुआवजा बंद होना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार पर इस पर ध्यान देना चाहिए. क्योंकि किसी भी पीड़ित परिवार में दुर्घटना होने के बाद उसकी जाति पूछकर मदद नहीं करनी चाहिए. हम इसका विरोध करते हैं.