आखिर जमीनी स्तर पर ही सही, सपा बसपा आये साथ

लखनऊ, 23 साल बाद साथ आये सपा-बसपा, भाजपा को हराने के लिए किया राजनैतिक प्रयोग 1991 की राम लहर से निपटने को लिए एक साथ आये थे और हवा में उड़ गये जय श्रीराम के नारे के साथ आये  मिले थे जिसका फायदा मिला था ।

लेकिन  1995 के गेस्ट हॉउस कांड के बाद गठबंधन टूट गया था ।उससे अब 2018 मायावती ने कहा सपा को समर्थन फूलपुर और गोरखपुर उपचुनाव और राज्यसभा चुनाव के लिए जनता से अपील किया कहा जो भी बीजेपी को हरा रहा हो उसे वोट करे ।

1993  मिले मुलायम कांशीराम हवा में उड़ गए जय श्रीराम और अब 2018 बहनजी और अखिलेश जुड़े तो मोदी-योगी के होश उड़े ।

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