उत्तर प्रदेश में रूस की वैक्सीन पहुंच चुकी है। लखनऊ के मेदांता अस्पताल में कोवीशील्ड के अलावा शनिवार (26 जून) यानी आज से स्पूतनिक-V (स्पूतनिक फाइव) वैक्सीन भी लगनी शुरू होगी। हालांकि, पहले दिन के सभी स्लॉट तेजी से भर गए हैं। रूस की स्पूतनिक-V दो डोज की ही वैक्सीन है। जबकि ‘स्पूतनिक लाइट’ सिंगल डोज वैक्सीन है, जिस पर रूस में शोध व ट्रायल चल रहा है।
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क्या है स्पूतनिक-V वैक्सीन?
भारतीय मूल के स्वीडन बेस्ड सीनियर मेडिसिनल साइंटिस्ट डॉ. राम उपाध्याय ने मीडिया से बातचीत में तीनों वैक्सीन से जुड़ी अहम जानकारियां साझा की। डॉ. राम कहते हैं कि रूस में बनी इस वैक्सीन के फेज-3 के ट्रायल का इंटरिम एनालिसिस 2 फरवरी 2021 को पब्लिश हुआ। उस समय तक कोरोना वायरस के कई वैरिएंट आ चुके थे। बावजूद इसके पहले की वैक्सीन के मुकाबले इसकी एफीकेसी (प्रभाव) 90 प्रतिशत से ज्यादा पाई गई, जो अब तक की सर्वाधिक है। पाउडर फॉर्म की इस वैक्सीन को घर के फ्रीजर पर रखकर 2-8°C पर स्टोर किया जा सकता है। साथ ही जरूरत पड़ने पर आसानी से ट्रांसपोर्ट भी किया जा सकता है।
जानेंं स्पूतनिक-V के फायदे
डॉ. राम उपाध्याय कहते हैं कि स्पूतनिक-V बेहतर वैक्सीन है। इसके पीछे यह मुख्य कारण
- वैक्सीन के असरदार होने के पीछे है उम्दा तकनीक।
- वैक्सीन लगाने में लगभग न के बराबर साइड इफेक्ट्स।
- वैक्सीन लगने के बाद बुखार के आने की संभावना क्षीण, यदि आया भी तो 99-C से ज्यादा नहीं।
- अधिकतम प्रभाव – थकान लगना व बॉडी पेन के माइल्ड सिंप्टम्स की संभावना।