सिर्फ 1 रात के लिए शादी करते है किन्नर, क्या सच में ऐसा भी होता है?

transgender marriage for one day story

यह बात हम सभी जानते है कि दुनिया में पुरुष और स्त्री से हटकर भी एक प्रजाति होती है जिसे किन्नर कहा जाता है। अक्सर किन्नर (जाति) के लोग शादी, विवाह, बच्‍चों के जन्‍म आदि मौकों पर शिरकत करते है। हिन्दू धर्म में इन्हें सम्मानित स्थान दिया गया है।

आमतौर पर यह माना जाता है कि किन्नर विवाह नहीं करते। लेकिन कम लोगों को पता है कि किन्नर भी शादी करते हैं और इनकी शादी आम लोगों से अलग होती है। इनकी शादी जीवन भर के लिए नहीं बल्कि महज एक रात की होती है। एक रात में ही यह सुहागन से विधवा बन जाते हैं। किन्‍नर केवल एक रात के लिए अपने भगवान से विवाह करते हैं। उसके अगले दिन ये खुद को विधवा कर लेते हैं। इनके भगवान हैं अर्जुन और नाग कन्या उलूपी की संतान इरावन ज‌िन्हें अरावन के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर के पुजारी इन्हें मंगलसूत्र पहनाते हैं।

किन्नरों के भगवान की अगर बात करे तो यह कोई सामान्य व्यक्ति नहीं है, किन्नरों के भगवान अर्जुन और नाग कन्या उलूपी की संतान इरावन ही है जिनको लोग अरावन के नाम से आज भी जानते है.
इरावन ही किन्नरों के भगवान कैसे बने और क्यों करते है वह एक रात के लिए शादी उसका सिधेसिधा संबंध महाभारत के युद्ध से संबंधित है. यह कहानी आपको बताने से पहले आपको यह भी बता देते है की कहा पर होती है इनकी शादी और शादी के बाद क्या होता है.
किन्नरों की शादी देखने के लिए आपको तमिलनाडु के एक गाव जिसका नाम है कुवगाम आपको यहाँ पर आना होगा, यहाँ पर हर साल तमिल नव वर्ष की पहली पूर्णिमा के दिन हजारों किन्नर विवाह करते है और यह तौहार करीब 18 दिनों तक चलता है, इसमें 17 वें दिन किन्नरों की शादी होती है और किन्नरों को पुरोहित मंगलसूत्र पहनाते है.

विवाह के अगले दिन से ही इरावन की मूर्ति को पुरे शहर में घुमाया जाता है और बाद में इसको तोड़ दिया जाता है. इसके साथ ही किन्नर को अपना सारा श्रुंगार उतारकर एक विधवा की तरह विलाप करने लगती है.
अब आपके इसके पीछे के रहस्य के बारे में भी बता देते है, महाभारत के युद्ध में पांडवों में माँ काली की पूजा की और इस पूजा में कोई एक राजकुमार की बलि देनी थी. इस काम के लिए कोई भी राजकुमार आगे नहीं आया, पर इरावन ने सामने से आकर कहा की में इस काम के लिए पूरी तरह से तैयार हूँ. इरावन ने इस काम के लिए एक शर्त भी रख दि की वह बिना शादी किये यह बलि पर नहीं चढ़ेगा.

पांड्वो के लिए एक बेहद ही मुश्किल परिस्थिति सामने आ गयी की सिर्फ एक दिन के लिए कौन राजकुमारी इरावन के साथ विवाह करेगी और अगले दिन विधवा हो जाएगी. अब इस समस्या का समाधान भगवान श्रीकृष्ण ने निकाल लिए और खुद ही मोहिनी रूप धारण करके सामने आ गये.
भगवान श्रीकृष्ण में मोहिनी रूप धारण करके इरावन से विवाह कर लिया और अगले दिन ही इरावन की बली दी गयी. बाद में श्रीकृष्ण ने विधवा बन कर विलाप भी किया. इस घटना को याद करके अब सभी किन्नर इरावन को ही अपना भगवान मानते है और एक रात के लिए विवाह करते है.

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