CM योगी के फर्जी ओएसडी बनकर अधिकारियों से लेते थे पैसे, गिरफ्तार

मुख्यमंत्री योगी के के नाम पर फर्जी ओएसडी बनकर बड़े-बड़े अधिकारियों से वसूली करने वाले 4 जालसाजों को यूपी एसटीएफ ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से सचिवालय के पास सहित कई फर्जी दस्तावेज बरामद हुए हैं। पूछताछ में पता चला कि यह अफसरों के खिलाफ चल रही किसी जांच का पता लगाकर उसके नाम पर उनसे वसूली करते थे।

एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि कन्नौज निवासी प्रमोद कुमार दुबे उर्फ दया शंकर सिंह उर्फ संतोष कुमार सिंह उर्फ बलजीत सिंह, लखनऊ के इंदिरानगर निवासी अतुल शर्मा उर्फ मनोज कुमार सिंह, तालकटोरा निवासी प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, बहराइच के राधेश्याम कश्यप को पकड़ा गया है। पूछताछ में अतुल शर्मा ने बताया कि वह सचिवालय में न्याय विभाग में सहायक समीक्षा अधिकारी था। वर्ष 2007 और 2010 में सरकारी अधिकारियों से ठगी करने के आरोप में जेल जाने के बाद निलम्बित हो गया था।

जेल से छूटने के बाद उसने पुराने साथियों से संपर्क किया और दोबारा प्रमोद के साथ मिलकर वही जालसाजी करने लगा। आरोपी सचिवालय के अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ किसी जांच के बारे में पता लगाते थे। इसके बाद खुद सीएम के ओएसडी बनकर जांच में कार्रवाई की धमकी देकर उनसे रुपए की डिमांड करते थे। अफसरों को झांसे में आने के बाद वह एनेक्सी भवन के आसपास अपने साथियों प्रदीप श्रीवास्तव व राधेश्याम कश्यप को सरकारी कर्मचारी बनाकर रुपए लेने भेजते थे।

2007 में शासन के कुटरचित आदेश व दस्तावेज तैयार करने के आरोप मे प्रमोद दुबे व अन्य साथियों के खिलाफ भी कोतवाली हजरतगंज में रिपोर्ट दर्ज हुई थी। इसमें प्रमोद जेल गया और छूटने के बाद फिर 2010 में चित्रकूट मे तैनात सीओ अखिलेश्वर पांडेय से ठगी करने लगा।

इस मामले में भी हजरतगंज कोतवाली में केस दर्ज किया गया। पूछताछ में अतुल ने बताया कि पुरानी घटनाओं से सबक लेकर अब कथित रिश्वत की रकम नकद लेते थे। एसटीएफ के मुताबिक यह गिरोह अब तक 2 करोड़ से अधिक की ठगी कर चुका है।

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